कोरोना को लेकर व्‍हाट्सएप पर मिली इस जानकारी पर भरोसा न करें

कोरोना को लेकर व्‍हाट्सएप पर मिली इस जानकारी पर भरोसा न करें

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस के फैलने की रफ्तार बढ़ने के साथ ही इससे जुड़ी कई भ्रामक जानकारियां भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। लोग इन जानकारियों को हकीकत मानकर उनपर अमल करने लगते हैं जबकि कई मामलों में ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। इस आलेख में हम आपको ऐसी ही कुछ भ्रामक जानकारियों के प्रति सचेत कर रहे हैं:

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भ्रामक जानकारी: कोरोना वायरस भी अन्‍य सामान्‍य फ्लू वायरस जैसा ही है।

असलियत: कोरोना वायरस के जिस स्‍ट्रेन का संक्रमण अभी पूरी दुनिया में फैल रहा है इसका पता साल 2019 में ही चला है। हकीकत ये है कि अब तक इस बारे में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार इंसान के श्‍वसन तंत्र के लिए ये वायरस सामान्‍य फ्लू वायरस के मुकाबले 10 गुणा ज्‍यादा खतरनाक है। इसलिए इसे हलके में नहीं लिया जा रहा है। एक ही बात ध्‍यान रखें, पूरी दुनिया की सरकारें मूर्ख नहीं हैं जो इस वायरस से लड़ने के लिए अपनी पूरी अर्थव्‍यवस्‍था के चौपट हो जाने का जोखिम उठाकर हर चीज को बंद कर रही हैं। ये आम नागरिकों को जिम्‍मेदारी है कि इस वायरस के बारे में सभी सूत्रों से आ रही जानकारी पर ही भरोसा करें।

भ्रामक जानकारी: दस सेकेंड तक सांस रोक कर रखें और अगर इस दौरान खांसी या सांस फूलने की समस्‍या हो तो कोरोना का संक्रमण हो सकता है।

असलियत: इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि अगर आप दस सेकेंड तक सांस रोक सकते हैं तो आपको श्‍वसन तंत्र की समस्‍या नहीं है। दरअसल गहरी सांस लेने के दौरान कफ आने की समस्‍या सिर्फ वायरल संक्रमण की निशानी नहीं है बल्कि ये सांस की नली में किसी अन्‍य एलर्जी के कारण भी हो सकता है।

भ्रामक जानकारी: अदरक खाने से कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं होगा।

असलियत: विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का मानना है कि अदरक में एंटी माइक्रोबियल गुण होता है। मगर अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्‍ध नहीं है जो ये साबित करे कि अदरक का नोवल कोरोना वायरस के खिलाफ कोई असर होता है।

भ्रामक जानकारी: गर्मी शुरू होते ही कोरोना का असर कम होने लगेगा और स्थिति संभल जाएगी।

असलियत: डॉक्‍टरों का कहना है कि इस दावे में कोई दम नहीं है। डॉक्‍टरों का कहना है कि एक सामान्‍य इंसानी शरीर का तापमान आमतौर पर 37 डिग्री सेल्सियस होता ही है। जब वायरस इस तापमान पर जीवित रह लेता है तो ये नहीं कहा जा सकता कि तापमान में 5 या 7 डिग्री की बढ़ोतरी से वायरस पर कोई असर पड़ेगा।

भ्रामक जानकारी: गुनगुने नमकीन पानी, ब्‍लीच या एथेनॉल से गरारे करने से कोविड 19 को रोका जा सकता है।

असलियत: दरअसल ये पूरी तरह झूठ है क्‍योंकि श्‍वसन तंत्र से जुड़े वायरस पर नमक मिश्रित पानी का कोई असर नहीं होता है। इसी प्रकार ब्‍लीच या एथेनॉल का इस्‍तेमाल तो जानलेवा हो सकता है।

भ्रामक जानकारी: ज्‍यादा पानी पीने से कोरोना दूर रहेगा।

असलियत: ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीकर शरीर में पानी की कमी न होने देना बुखार में लाभदायक होता है और शरीर को वैसे भी हाइड्रेट रखना अच्छी आदत है मगर इससे कोरोना का संक्रमण नहीं होगा ये पूरी तरह भ्रामक दावा है। इसलिए ऐसे दावे पर कतई भरोसा न करें।

(आलेख टाइम्‍स ऑफ इंडिया से साभार)

 

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